Friday, September 12, 2014
ओ३म् संस्कृत वाक्य अभ्यासः ~~~~~~~~~`~~~~ हे प्रभो ! वयं तव भक्ताः = हे प्रभु , हम तुम्हारे भक्त त्वां विना वयम् अशक्ता: = तुम्हारे बिना हम हैं अशक्त वाञ्छामः तव अनुकम्पाम् = चाहते तुम्हारी अनुकम्पा कुरु कुरु अस्माकं रक्षाम् = करो हमारी तुम रक्षा वयं तु स्मः विकारपूर्णाः = हम तो सभी विकारपूर्ण हैं त्वां विना सर्वे अपूर्णाः = तुम्हारे बिना हम अपूर्ण हैं नाशय अस्माकं दोषान् = नाश करो सब दोष हमारे उद्धारय आस्मान् दीनान् = हम दीनों का उद्धार करो अहर्निशं वयं ध्यायामः = दिन औ रात हम करते ध्यान जीवनशक्तिं विन्दामः = जीवन की शक्ति पाते हैं
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pt.sushil mishra
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