Wednesday, August 31, 2016

"कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्"

*सुमंगलम् भवतु*"����
*सप्त ऋषि-सप्त रसातल-सप्त स्वर प्रार्थना मन्त्र*!!
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*सनत्कुमारः सनकः सनन्दनः*
*सनातनोऽप्यासुरिपिङगलौ च*"
*सप्त  स्वराः सप्त   रसातलानि*
*कुर्वन्तु  सर्वे मम  सुप्रभातम्*!!
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*ब्रह्मा के मानसपुत्र बाल ऋषि) सनतकुमार, सनक, सनन्दन और सनातन तथा *सांख्य-दर्शन के प्रर्वतक कपिल मुनि के शिष्य*" *आसुरि एवं छन्दों का ज्ञान कराने वाले मुनि पिंगल मेरे इस प्रभात को मंगलमय करें*। *साथ ही*  ( *नाद-ब्रह्म के विवर्तरूप षड्ज*, *ऋषभ, गांधार, मध्यम, *पंचम, धैवत और निषाद) ये सातों स्वर और (हमारी पृथ्वी से नीचे स्थित) *सातों रसातल (अतल, वितल, *सुतल, रसातल, तलातल, *महातल, और पाताल) मेरे लिए सुप्रभात करें*"!!
*धन्यवादः*"
☼ ☼ ☼ ☼ ☼ ☼
*सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु* । *सर्वेषां शान्तिर्भवतु* । *सर्वेषां पूर्णं भवतु* । *सर्वेषां मङ्गलं भवतु*" !!
*विजयी भव सर्वत्र* !
*सर्वदा, जयतु* !!
*ऊँ नमों रघवाय*"
☀ *शुभदिनमस्तु* !!☀
  �� *सुशील मिश्रः*"��


"नूतन दिवसस्य शुभेच्छाः"

*सुमंगलम् भवतु*"����
*नूतन दिवसस्य शुभेच्छाः*"
*पंच-तत्व प्रार्थना मन्त्र*"!!!
==================
*पृथ्वी  सगन्धा  सरसास्तथापः*
*स्पर्शी च वायुज्र्वलनं च तेजः*।
*नभः    सशब्दं   महता  सहैव*
*कुर्वन्तु सर्वे  मम  सुप्रभातम्**
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*अपने गुणरूपी गंध से युक्त पृथ्वी, रस से युक्त जल, स्पर्श से युक्त वायु*, *ज्वलनशील तेज, तथा शब्द रूपी गुण से युक्त आकाश महत् तत्व बुद्धि के साथ मेरे प्रभात को मंगलमय करें* *अर्थात पांचों बुद्धि-तत्व कल्याण कारी हों*"!!
*धन्यवादः*:
*☼ ☼ ☼ ☼ ☼ ☼*
*सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु" सर्वेषां शान्तिर्भवतु*" *सर्वेषां पूर्णं भवतु "सर्वेषां मङ्गलं"भवतु*"!!
*विजयी भव सर्वत्र* !
*सर्वदा, जयतु* !!
*नमों वासुदेवाय*"
*नमों राघवाय*"
*हरिः ऊँ शान्तिः*" *शान्तिः*" *सुशांतिर्भवतु*"
*��शुभदिनमस्तु*��
                              *सुशील मिश्रः*"

!! सुप्रभातम् !!

*सुमंगलम् भवतु*"
*नूतन् दिवसस्य शुभेच्छाः*"
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*रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम्*
*भास्वानुदेष्यति हसिष्यति पङ्कजश्रीः* ।
*इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे*
*हा हन्त हन्त नलिनीं गज उज्जहार* ॥
*शुभदिनमस्तु*"
*साभारः*"
*��कुवलयानन्द*"��
*सुशील मिश्रः*"
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!!==शान्ति पाठः==!!

*सुमंगलम् भवतु*"
@!! *शान्तिपाठः* !!@
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१ ॠग्वेद मन्त्र: ॐ वाङ् मे मनसि प्रतिष्ठिता मनो मे वाचि प्रतिष्ठितमावीरावीर्म एधि। वेदस्य म आणिस्थः श्रुतं मे मा प्रहासीरनेनाधीतेनाहोरात्रान् संदधाम्यृतम् वदिष्यामि सत्यं वदिष्यामि तन्मामवतु तद्वक्तारमवत्ववतु मामवतु वक्तारमवतु वक्तारम् ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

२ कृष्णयजुर्वेद मन्त्र: ॐ सह नाववतु | सह नौ भुनक्तु | सह वीर्यं करवावहै | तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै || ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ||

३ कृष्णयजुर्वेद मन्त्र: ॐ शं नो मित्रः शं वरुणः। शं नो भवत्वर्यमा। शं न इन्द्रो ब्रृहस्पतिः। शं नो विष्णुरुरुक्रमः। नमो ब्रह्मणे। नमस्ते वायो। त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मासि। त्वामेव प्रत्यक्षम् ब्रह्म वदिष्यामि। ॠतं वदिष्यामि। सत्यं वदिष्यामि। तन्मामवतु। तद्वक्तारमवतु। अवतु माम्। अवतु वक्तारम् ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

४ शुक्लयजुर्वेद मन्त्र: ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदम् पूर्णात् पूर्णमुदच्यते | पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते || ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ||

५ सामवेद मन्त्र: ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः श्रोत्रमथो बलमिन्द्रियाणि च सर्वाणि। सर्वम् ब्रह्मौपनिषदम् माऽहं ब्रह्म निराकुर्यां मा मा ब्रह्म निराकरोदनिराकरणमस्त्वनिराकरणम् मेऽस्तु। तदात्मनि निरते य उपनिषत्सु धर्मास्ते मयि सन्तु ते मयि सन्तु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

६ अथर्ववेद मन्त्र: ॐ भद्रं कर्णेभिः श्रुणुयाम देवाः। भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवागं सस्तनूभिर्व्यशेम देवहितम् यदायुः। स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

अन्य मन्त्रा: १ ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति: पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। वनस्पतये: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति: सर्वँ शान्ति: शान्तिरेव शान्ति: सा मा शान्तिरेधि ॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥ सुशान्तिर्भवतु। सर्वारिष्टशान्तिर्भवतु ॥

२ ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।
हरिः ऊँ शान्तिः"शान्तिः"सुशांतिर्भवतु"
*��शुभदिनमस्तु*��

Saturday, August 27, 2016

"सुप्रभातम्"

*सुमंगलम् भवतु*"
*नूतन् दिवसस्य शुभेच्छाः*"
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*रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम्*
*भास्वानुदेष्यति हसिष्यति पङ्कजश्रीः* ।
*इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे*
*हा हन्त हन्त नलिनीं गज उज्जहार* ॥
*शुभदिनमस्तु*"
*साभारः*"
*��कुवलयानन्द*"��
*सुशील मिश्रः*"
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@***सुप्रभातम्***@

*सुमंगलम् भवतु*"
नूतन् दिवसस्य अतीव् शुभकामनाः"
��नित्य प्रभात् प्रार्थना "��
ब्रह्मा      मुरारीस्त्रिपुरांतकारी
भानुः शशि  भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च   शुक्रः  शनिराहुकेतवेः
कुर्वन्तु सर्वे मम सु प्रभातम्"
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ब्रह्मा, मुरारि (विष्णु) और त्रिपुर-नाशक शिव (अर्थात तीनों देवता) तथा सूर्य, चन्द्रमा, भूमिपुत्र (मंगल), बुध, बृहस्पति, शुक्र्र, शनि, राहु और केतु ये नवग्रह, सभी मेरे प्रभात को शुभ एवं मंगलमय करें"!!
ऊँ सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः"
सर्वेभ्यो देविभ्यो नमः"
नवग्रह देवताभ्यो नमः"
कुल देवताभ्यो नमः"
ग्राम देवताभ्यो नमः"
स्थान देवताभ्यो नमः"
वास्तु देवताभ्यो नमः"
इष्ट देवताभ्यो नमः"
मातृ-पितृ चरण कमलेभ्यो नमः"!!
हरिः ऊँ शान्तिः"शान्तिः"सुशांतिर्भवतु"
सुशील मिश्रः"
��शुभदिनमस्तु��

Tuesday, August 23, 2016

@श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्वणः शुभेच्छाः@

*सुमंगलम् भवतु*"����
*श्री कृष्ण शरणं ममः*"
*जन्माष्टमी पर्वणः शुभेच्छाः*"
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*श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्वस्य सर्वेषां हार्दिक शुभेच्छाः*"��
*अद्य जन्माष्टमी पर्वः अस्ति*।
*श्री कृष्णः भारतीयसम्प्रदाये सनातन धर्मे परमतत्वं श्री कृष्णस्तु स्वयं भगवान इति कथ्यते*"!
*श्री कृष्णः अति श्रृंगारप्रिय देवः प्रसिद्धः*"
*मृत्युलोके इह श्री कृष्णः द्वापरयुगे मथुरानगरस्य कारागृहे अर्धरात्र्याम् ऽवतृतः*"! *तस्य जननी देवकी जनक वसुदेवश्च*"!!
*अस्मिन् दिवसे सर्वान् कृष्णभक्तान् सर्वाभीष्ट सिद्धये*
*श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रतं कुर्वन्ति*!!
*कृष्णाय वासुदेवाय, देवकी-नन्दनाय च*,!
*नंद-गोप-कुमाराय, गोविन्दाय नमो नमः*"!!
!! *जयतु"जयतु, श्री कृष्णः*"!!
*धन्यवादः*"!
*ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु । सर्वेषां शान्तिर्भवतु । सर्वेषां पूर्णं भवतु । सर्वेषां मङ्गलं भवतु*" !!����������
*विजयी भव सर्वत्र* !
*सर्वदा, जयतु* !!
*ऊँ नमो वासुदेवाय*"
*शुभदिनमस्तु*"
                 *सुशील मिश्रः*"

Monday, August 22, 2016

ऊँ श्री मन्महागणाधिपतये नमः"

*सुमंगलम् भवतु"*
*ऊँ श्री मन्महागणाधिपतये नमः*"!!
*संकष्टी चतुर्थी पर्वणः भवतां सर्वेषां हार्दिक् शुभकामनाः"*
*भगवतः कृपा  सर्वेषां उपरि भवतु*"
*सर्व मनोकामनाः सफली भवन्तु*"
*सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु" सर्वेषां शान्तिर्भवतु" सर्वेषां पूर्णं भवतु" सर्वेषां मङ्गलं भवतु*"!!
*विजयी भव सर्वत्र* !
*सर्वदा, जयतु* !! 
*इति भगवत्चरणयोः सर्वदा प्रार्थयामहे*"
*गजाननाय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात*"������"!!
*जयतु जयतु जय जयतु गणेशः*"!
*शुभमस्तु*"
  ����������          
               *सुशील मिश्रः*"

Friday, August 19, 2016

"संस्कृत दिवसः"

सुमंगलम् भवतु"
भवतां सर्वेषां"
संस्कृत"दिवसस्य"श्रावणीपर्वस्य"
रक्षाबन्धनस्य च शुभाशयाः"!!
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विश्वस्य सर्व भाषासु     प्राचीनतमेयं संस्कृतम्"  इयं सर्वासां   भाषाणमुत्पादयित्री जननीव"
संस्कृत भारतस्य  गौरवम्   उद्घोषयति" !
श्रावण मासे पूर्णिमा तिथौ 1969 तमें वर्षे संस्कृत दिवसस्य शुभारंभं"अभवत्"
कृपया सर्वेषां संस्कृतस्य प्रचार प्रसाराय सहयोगं कुरु"
यत्र, तत्र, सर्वत्र भवतु संस्कृतम्" जयतु संस्कृतम्-जयतु संस्कृतम्-जयतु संस्कृतम्"!!��������
इति भगवत्चरणयोः सर्वदा प्रार्थयामहे"
एकदा पुनः सर्वेषां अतीव शुभकामनाः"������"
नमों वासुदेवाय"
नमों राघवाय"
शुभदिनमस्तु"
*"सुशील मिश्रः*"

" स्वतंत्रता दिवसः"

*सुमंगलम् भवतु*"����
*स्वतंत्रता दिवसस्य सर्वेषां अनन्तानन्त'शुभकामनाः*����
!!!==--..__..-=-._; 
!!!==--..@..-=-._; 
!!!==--..__..-=-._; 
*अद्य अस्माकं स्वतंत्रता दिवसः अस्ति*"!
*इयम् पर्वः भारतदेशस्य गौरवस्य प्रतीकः अस्ति*"।
*अत: एष: दिवस: अस्‍माकं कृते सर्वदा महान दिवसः भवति*"!!
*आगम्‍यतां अस्‍माकं शहीदजनानां स्‍मरणं कुर्म:*" । ������������
*जयतु भारतम्, वंदेमातरम*!
����������
*गायन्ति देवाः किल गीतकानि , धन्यास्तु ते भारतभूमिभागे* ।"
*स्वर्गापवर्गास्पद् मार्गभूते , भवन्ति भूयः पुरुषाः सुरत्वाद्* ॥"
*देवतागण गीत गाते हैं कि स्वर्ग और मोक्ष को प्रदान करने वाले मार्ग पर स्थित भारत के लोग धन्य हैं* ।  *क्योंकि*"  *देवता भी जब पुनः मनुष्य योनि में जन्म लेते हैं तो यहीं जन्मते हैं* ।"
*जयतु भारतम्, वंदेमातरम*!
*धन्यवादः*!!"
☼ ☼ ☼ ☼ ☼ ☼
*ॐ सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु । सर्वेषां शान्तिर्भवतु । सर्वेषां पूर्णं भवतु । सर्वेषां मङ्गलं भवतु* "।
*ऊँ नमः शिवाय*"
*ऊँ नमो राघवाय*"
*विजयी भव सर्वत्र*!,
*सर्वदा जयतु* !!"
*शुभदिनमस्तु* !
         " *सुशील मिश्रः*"
     ����������