Saturday, January 28, 2012
Thursday, January 26, 2012
Tuesday, January 24, 2012
मानव एक सामाजिक प्राणी है और सामाजिक होने का अर्थ है किसी समाज का हिस्सा होना. हर व्यक्ति की एक अलग society होती है जो उसके अपने relationship पर depend करती है .इसलिए मानव के लिए संबंधों का बहुत अधिक महत्व है जिसके सहारे वो अपना सारा जीवन व्यतीत करता है. . मानव दो तरह के संबंधों से जुड़ा है पहले वो जो जन्म से ही उसके साथ होते हैं औरदूसरे वो जिसे वो अपनी ख़ुशी या पसंद से बनाता है.
आप के माता -पिता या रिश्तेदार कौन होंगे ,आपके स्कूल के principal कौन होंगे, boss कौन होंगे , colleagues कौन होंगे या पड़ोसी कौन होंगे ये आप decide नहीं कर सकते.हाँ !एक ऐसा सम्बन्ध ज़रूर है जिसे आप अपनी इच्छा से चुनते और जोड़ते हैं और वो है ’दोस्ती’. दोस्तहम कई लोगों में से कुछ लोगों को ही बनाते हैं .
आप के माता -पिता या रिश्तेदार कौन होंगे ,आपके स्कूल के principal कौन होंगे, boss कौन होंगे , colleagues कौन होंगे या पड़ोसी कौन होंगे ये आप decide नहीं कर सकते.हाँ !एक ऐसा सम्बन्ध ज़रूर है जिसे आप अपनी इच्छा से चुनते और जोड़ते हैं और वो है ’दोस्ती’. दोस्तहम कई लोगों में से कुछ लोगों को ही बनाते हैं .
माफ़ करना अँधेरे कमरे में रौशनी करने जैसा होता है, जिसकी रौशनी में माफ़ी मांगने वाला और माफ़ करने वाला दोनों एक दूसरे को और करीब से जान पाते हैं. माफ़ करके आप किसी को एक मौका देते हैं अपनी अच्छाइयों को साबित करने का.
तो अगर हम किसी ज़िन्दगी की सूखी ज़मीन पर माफ़ी की दो- चार बूंदों की बारिश कर पायें तो हो सकता है कि उस सूखी ज़मीन पर आशाओं, और मुस्कुराहटों के फूल खिल उठें.
तो अगर हम किसी ज़िन्दगी की सूखी ज़मीन पर माफ़ी की दो- चार बूंदों की बारिश कर पायें तो हो सकता है कि उस सूखी ज़मीन पर आशाओं, और मुस्कुराहटों के फूल खिल उठें.
Sunday, January 15, 2012
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