Monday, September 15, 2014

चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है जहॉं सिंह बन गये खिलौने गाय जहॉं मॉं प्यारी है जहॉं सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है | जहॉं कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है त्याग और तप की गाथाऍं गाती कवि की वाणी है ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है | जिस के सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है जहॉं खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है जीवन का आदर्श जहॉं पर परमेश्वर का धाम है |

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