Monday, September 15, 2014
वर्तमान शिक्षापद्धतिके दुष्परिणाम ! धूर्त ब्रिटिश शिक्षा विशेषज्ञ मेकौलेने ब्रिटिश सत्ता बनाए रखने हेतु अंग्रेजी भाषा जाननेवाले लिपिक (बाबू) सिद्ध (तैयार) करनेवाली शिक्षापद्धति भारतमें लागू की । इसका गुप्त उद्देश्य था, 'हिंदुओंकी आगामी पीढियोंको उनके धर्म और संस्कृतिसे दूर करना ।' स्वतंत्रताप्राप्तिके पश्चात, हमारे भारतीय शासकोंने यही शिक्षापद्धति जारी रखी । आजकल विद्यार्थियोंमें अनैतिकता, 'रैगिंग'की कुप्रथा तथा धर्मनिष्ठाका अभाव आदि दुष्परिणाम मेकौलेकी ही शिक्षापद्धतिके कटु फल हैं । अपने धर्म और संस्कृतिका पोषण करनेवाली शिक्षापद्धति लागू करने हेतु 'हिंदु राष्ट्र' आवश्यक ?
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पं. सुशील मिश्रा
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🌞🔔📿🏹🔱🐚ॐहरिहर 🙏🏻 *ॐरविभास्करायनमोंनम ॐहरिहर 🙏🏻जै *बजरंगबलीहनुमतेराममय*🙏🏻🚩 *त्रिकालदर्शीउमापतयेदेवताभ्यो* 🚩🙏🏻गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरुर देवो महेश्वर: गुरू साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः 🚩🙏🏻 *जैजैजयहलाहलविषधारीउमामहेश्र्वरश्री* 🔱📿🔔ॐ🙏🏻🚩 *ॐहरिहरउमामहेश्वरायजगतदेवपरमात्मा*
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