परत्रिय मात समान समज, परधन धुरी समान
इतने मे हरि ना मिले तो तुलसीदास जमान
गोस्वामी तुलसीदास जी ने ये बड़ी विलक्षण बात कही है उन्होने कहा है कि
पराई स्त्री को माता के समान और पराये धन को धुल के समान समजो जिस मनुष्य मे ये दोनो गुण आ गये और उसे परमेश्वर ना मिले तो उसकी वो खुद जमानत देने को तैयार है ।
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