Sunday, July 30, 2017

हरि:ॐतत्सत् सर्वेभ्यो नमो नम:"!!

*हरि:ॐतत्सत् सर्वेभ्यो नमो नम:"!!*
*🌅🌅"सुप्रभातम्"🌅🌅*
*‘एक एवं तदा रुद्रो न द्वितीयोऽस्नि कश्चन’*, सृष्टि के आरम्भ में एक ही रुद्र देव विद्यमान रहते हैं, दूसरा कोई नहीं होता। वे ही इस जगत की सृष्टि करते हैं, इसकी रक्षा करते हैं और अंत में इसका संहार करते हैं। 
*अहं शिवः शिवश्चार्य, त्वं चापि शिव एव हि।*
*सर्व शिवमयं ब्रह्म, शिवात्परं न किञचन।।”*
मैं शिव, तू शिव सब कुछ शिव मय है। शिव से परे कुछ भी नहीं है। इसीलिए कहा गया है- *‘शिवोदाता, शिवोभोक्ता शिवं सर्वमिदं जगत*।
शिव ही दाता हैं, शिव ही भोक्ता हैं। जो दिखाई पड़ रहा है यह सब शिव ही है। शिव का अर्थ -जिसे सब चाहते हैं अखण्ड आनंद को। 
आप सभी का दिन शुभ एवं कल्याणकारी हो"!!
*🔱हर हर महादेव🔱*
*"ॐ नमः शिवाय"*
*🥀शुभदिनमस्तु"!!🥀*

No comments:

Post a Comment