(.Vidhya vinayen shobhate.)
Friday, March 23, 2012
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रहमचारिणी।
तृतीयं चन्दघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्क्न्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
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